सेलम : अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मण्डल के तत्वावधान में तेरापंथ महिला मण्डल, सेलम द्वारा साध्वी डॉ गवेषणाश्रीजी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा भवन में द पावर आफ डिसिप्लिन (अनुशासन की शक्ति) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वी दक्षप्रभाजी के सुमधुर मंगलाचरण से हुई। तत्पश्चात महिला मण्डल की अध्यक्षा श्रीमती सुनीता बोहरा ने स्वागत भाषण दिया।
विकास व सफलता के लिए महत्वपूर्ण है आत्मानुशासन
डा. साध्वी गवेषणाश्रीजी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में सफल होना चाहता है। विकास व सफलता के अनेक सूत्र है उसमें महत्वपूर्ण सूत्र है- अनुशासन। अनुशासन जीवन विकास की खुराक है। यह अहंकार को तोड़ता है, विनम्रता को बढाता है, स्वच्छंदता को मिटाता है, शान्त सहवास में सहयोगी बनता है। वर्तमान में कोई किसी के अनुशासन में नहीं रहना चाहता, सबके भीतर स्वतंत्रता की चाह पैदा हो गयी है। पर यह अतिस्वतंत्रता स्वच्छंदता का ही दूसरा रूप है।
साध्वी मयंकप्रभा ने कहा कि अनुशासन का स्वरूप व्यापक है। परानुशासन और आत्मानुशासन ये इसके दो रूप है। जो आत्मानुशासन में रहना सीख जाता है उसे परानुशासन की अपेक्षा नहीं रहती है।
साध्वी मेरुप्रभा ने कुशलतापूर्वक कार्यक्रम का संचालन किया। मंत्री सरिता चोपड़ा ने सभी का आभार व्यक्त किया।
समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती