आज अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत जीवन विज्ञान दिवस शासन श्री साध्वी श्रीशिवमाला जी ठाणा 4 के सान्निध्य में मनाया गया।आज के मुख्य वक्ता श्री राकेश खटेड़ ने अपने वक्तव्य में किसी भी कार्य को संकल्प पूर्वक करने की प्रेरणा दी। संकल्प शक्ति से अवचेतन मन चेतन मन और अचेतन मन की त्रिपदी से कार्य की सफलता सुगम हो जाती है।आपने आचार्य श्री तुलसी एवं आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के इस महत्वपूर्ण अवदान को जीवन निर्माण के लिए महत्वपूर्ण बताया।
इससे नयी पीढ़ी तो संस्कारी होगी,पर यह आबाल- वृद्ध, हर उम्र के लिए भी उतनी ही उपयोगी है। जीवन विज्ञान कोई भी उम्र से शुरू किया जा सकते है।तत्पश्चात साध्वी श्री अमितरेखा जी ने इस विषय पर अपना सारगर्भित वक्तव्य दिया।अंत में साध्वी श्री शासन श्री साध्वी श्री शिवमालाजी ने प्रेरणा पाथेय फरमाते हुए अणुव्रत एवं जीवन विज्ञान को एक दूसरे का पूरक बताया। साध्वी श्री जी ने संस्कारों के पल्लवन के लिए जीवन विज्ञान के महत्व पर विशेष प्रकाश डाला।
संपतराज चोरड़िया ने सभी को स्वागत किया एवं गौतमचंद सेठिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया।आज के कार्यक्रम में अणुव्रत समिति के अध्यक्ष श्री ललित कुमार आंचलिया एवं उपाध्यक्ष श्री अरिहंत बोथरा भी उपस्थित थे।
यह विज्ञप्ति ट्रिप्लीकेन ट्रस्ट के प्रबंधक न्यासी सुरेश कुमार संचेती ने दी।