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ज्ञान वाणी

अचौर्य हमारे जीवन का तीसरा पड़ाव है: साध्वी कुमुदलता

अचौर्य हमारे जीवन का तीसरा पड़ाव है: साध्वी कुमुदलता

बच्चों में अच्छे और धार्मिक संस्कारों का बीजारोपण करें

चेन्नई. अयनावरम स्थित जैन दादावाड़ी में चातुर्मासार्थ विराजित साध्वी कुमुदलता ने शनिवार को प्रवचन में तीसरे अणुव्रत अचौर्य अणुव्रत की विवेचना करते हुए कहा कि अचौर्य हमारे जीवन का तीसरा पड़ाव है। यह अणुव्रत हमें संदेश देता है कि जीवन में कभी चोरी नहीं करनी चाहिए।

चोरी करने से कर्मों का बंध होता है। चोरी करना व झूठ बोलना पाप है और इस प्रकार के आचरण से कर्मों की हिंसा हो जाती है। जो व्यक्ति चोरी का व्यापार या आचरण करता है वह धर्म साधना और सामयिक नहीं कर सकता।

इन क्रियाओं में उसका मन नहीं लगता। हमें चिंतन करना चाहिए कि हम भगवान महावीर के उपासक और कुशल श्रावक हैंं। इस प्रकार के व्यवहार से जब परेशानी आएगी तो पश्चाताप करना पड़ेगा।

इसलिए इन बुरे कर्मों को करने से पहले ही हम अपनी आत्मा को जागृत करें और भगवान महावीर के इस अणुव्रत की अनुपालना करें।
उन्होंने कहा बच्चों को अच्छे और धार्मिक संस्कार दें।

अच्छी संगत के लिए बच्चों को संस्कार शिविरों में भेजें। वहां जाने से बच्चों के मन पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा और उनमें संस्कारों और धार्मिक विचारों का बीजारोपण होगा। अगर बच्चा संस्कारी होगा तो मां-बाप गौरवान्वित महसूस करते हैं।

इसलिए मां-बाप की जिम्मेदारी है कि अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। लाखों-करोड़ों का दान देने के बावजूद अगर बच्चे संस्कारी नहीं हैं तो आपका दान-पुण्य व्यर्थ चला जाता है।

अगर बच्चा कभी आपसे कोई चर्चा करता है तो उसकी बातों को गहराई से सुनें और उसपर गौर करें। बुरी संगति और बुरे संस्कारों के कारण ही व्यक्ति गलत रास्ते पर चलता है।

तपस्यार्थियों का अभिनंदन करते हुए उन्होंने कहा कि दान देना आसान है लेकिन तपस्या करना बहुत कठिन। तपस्या की आगम में तप कर व्यक्ति की आत्मा में निखार आ जाता है। उसके अनन्त कर्मों की निर्जरा हो जाती है।

सध्वी महाप्रज्ञा ने कहा परमात्मा सबके दुखों की दवा है। इस संसार में कोई व्यक्ति तन से दुखी है तो कोई मन से। संसार में कोई भी सुखी नहीं। परमात्मा की शरण में जाकर सबके लिए सुख और अमन की कामना करनी चाहिए।

साध्वी पदमकीर्ति ने सुभव कुमार के ब्रह्मचर्य और संयम पथ का प्रसंग सुनाया।
कार्यक्रम के दौरान राजेंद्र भंडारी और रेखा पगारिया के नौ उपवास की तपस्या के पच्चखाण हुए। धर्मसभा में बेंगलूरु, हैदराबाद व केजीएफ आदि क्षेत्रों से श्रावक पहुंचे।

गुरु दिवाकर कमला वर्षावास समिति चेन्नई के पदाधिकारियों ने बताया कि रविवार को प्रात: 9 से 10.15 तक प्रवचन होंगे। दोपहर 2 से 4 बजे तक बच्चों के लिए संस्कार शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर समिति के चेयरमैन सुनील खेतपालिया, अध्यक्ष पवनकुमार कोचेटा, महामंत्री हस्तीमल खटोड़, माणकचंद खाबिया तथा महावीर सिसोदिया समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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