अखिल विश्व गायत्री परिवार के द्वारा 27 तारीख से 31 दिसंबर तक गायत्री चेतना केंद्र अन्ना नगर चेन्नई में बच्चों का लिए दिशा बोध पर्सनालिटी डेवलपमेंट का शिविर 27 तारीख को प्रारंभ हुआ जिसमें 50 बच्चों ने भाग लिया शिविर में बच्चों का उत्साह देखते ही बना सवेरे से सभी बच्चे बच्चियां 4:30 बजे सो कर के उठ जाते हैं और कोई संगीत की क्लास तो कोई योग तो कोई ध्यान मे मस्त हो जाते हैं ।
यहां पर बच्चो की क्लास लेने के लिए श्री कृष्णन अयंगार जी तथा कु. सोनल बेंगानी जी और शांतिकुंज हरिद्वार से आए श्री कार्तिकेयन जी श्री सूरत सिंह अमृते जी तथा अमीचंद खंडेलवाल जी श्री निरंजन जी और यहां की श्रीमती उषा खंडेलवाल ने श्रीमती प्यारी देवी और सविता देवी ने पूरे बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था बनाई गायत्री परिवार के प्रमुख श्री सत्यनारायण भूतड़ा जी एवं श्रीमती श्रीलता भूतड़ा जी ने बच्चों के साथ आकर के हवन किया सभी बच्चों ने बड़े उत्साह के साथ हर दिन 5 कुंडीय यज्ञ और यज्ञ के बाद यज्ञशाला की सफाई छोटे-छोटे बच्चे अपने हाथ में झाड़ू लेकर सफाई और अपने जीवन की स्वच्छता कपड़ों की स्वच्छता एवं घर की साफ-सफाई कैसे रखें
यह सब 5 दिन के प्रशिक्षण में सीखा बच्चियों का सांस्कृतिक कार्यक्रम में बहुत ही सराहनीय योगदान रहा और बच्चों के पैरंट्स 30 दिसम्बर को सांस्कृतिक कार्यक्रम देख कर बहुत प्रसन्न हुए हमारे श्री ललित खंडेलवाल श्री शंकर लाल जी खंडेलवाल बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था बच्चों के लिये भोजन की व्यवस्था राशन की व्यवस्था और सभी कार्यकर्ताओं ने समय साधन देकर सफल बनाया बच्चों ने 30 December ko 5 कुंडी यज्ञ संपन्न किया और सभी बच्चों ने गायत्री महामंत्र से दीक्षा ग्रहण की Shyam को सायम 06 बजे से बहुत ही अच्छा कल्चरल प्रोगाम सांस्कृतिक कार्यक्रम समपन्न हुआ तथा 31 दिसंबर को विदाई का दिन था बच्चों का मन बिल्कुल जाने का नहीं हो रहा था
बच्चों ने कहा गुरुजी आज हमको यही रहना है सुबह से शाम तक बड़ी मस्ती से क्लास चलती रही हमारी मोटिवेशनल क्लास के लिए सोनल बेन गाणी जिनका 5 दिन तक बड़ा योगदान रहा जिन्होंने अपना अमूल्य समय देकर के बच्चों को पर्सनालिटी डेवलपमेंट जीवन जीने की कला सिखाया । छोटे-छोटे बच्चे सोनल दीदी सोनल दीदी कह कर के उन से कई सारे प्रश्न पूछते रहे ।और शाम को एक भव्य दीप यज्ञ का कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें सारे बच्चों ने अपने हाथों से दीपक सजाया और दीपक का संदेश था एक दिन ही जी मगर इंसान बन कर के जी।
बड़ी संख्या में लोग वहां पर एकत्रित हुए उसमें तमिल के भी बहुत परिजनों ने बड़ा उत्साह दिखाया और शाम को 11:00 बजे तक लोग भजन कीर्तन करते रहे और 1 तारीख की प्रातः सभी भाइयों बहनों ने नए वर्ष के आगमन में नया उत्साह नया उमंग और नया जोश के साथ गायत्री महायज्ञ संपन्न किया पूरे राष्ट्र के लिए विश्व के कल्याण के लिए तथा राष्ट्र की रक्षा के लिए हमारे जो बॉर्डर पर सैनिक भाई हैं उनका मनोबल बढ़ता रहे वह अपना तन मन से राष्ट्र की रक्षा करें।
जो हमारे सैनिक शहीद हो गए हैं उनकी आत्मा की शांति के लिए उनका आत्मा उद्धार हो इसके लिए यहां पर गायत्री महामंत्र से सभी परिजनों ने आहुतियां समर्पित किया, जिनका जन्मदिन था जिनका विवाह दिन था और जो अस्वस्थ थे उनके लिए भी यहां पर आहुतियां डाली गई धन्यवाद।