किलपाॅक श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ के तत्वावधान एवं आचार्य तीर्थ भद्रसूरिश्वर की निश्रा में एससी शाह भवन में शुक्रवार को ज्ञान ज्योत धार्मिक पाठशाला की शुरुआत सरस्वती पूजन के साथ हुई। इस मौके पर आचार्य ने पाठशाला के नाम की घोषणा की।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बच्चों व महिलाओं ने शिरकत की। श्रेणिक नाहर ने संगीत व भक्ति की प्रस्तुति दी। पाठशाला में अमृत गुरुजी बच्चों को धार्मिक एवं व्यावहारिक शिक्षा का ज्ञान देंगे। इसके अलावा चित्रकला, संगीत, नृत्य आदि भी सिखाए जाएंगे। पाठशाला प्रतिदिन सायं 6 30 से 8 बजे तक चलेगी।
आचार्य ने बच्चों को प्रेरणा व आशीर्वाद देते हुए कहा यह पाठशाला सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन जाए। हमें इसकी नींव को मजबूत करना है, इसको आदर्श पाठशाला बनाना है। उन्होंने कहा जिस तरह अंधकार को मिटाने के लिए प्रकाश की आवश्यकता होती है उसी तरह हमारे हृदय में अंधकार व अज्ञानता को मिटाना है अन्यथा जीवन में कहीं कषायों से टकरा जाएंगे तो कहीं अभिमान में गिर जाएंगे।
इस अंधकार को हटाने के लिए प्रकाश की जरूरत है। आप सबको ज्ञान की ज्योत जलाना है। माता पिता की जिम्मेदारी है बच्चों को यहां धार्मिक संस्कार देने के लिए भेजने की। ये संस्कार उनके जीवन में बहुत उपयोगी बनेंगे। वे आपके उपकार को विस्मृत नहीं कर पाएंगे। यह हमारी डिवाइन स्कूल है।
मुनि तीर्थ रुचिविजय ने कहा धर्म का नियमित ज्ञान लेने के लिए हर एक को पाठशाला ज्वाइन करना है। प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टीन जैनत्व से बहुत प्रभावित थे। उन्होंने अगले भव में मनुष्य अवतार व जैन धर्म में जन्म लेने की कामना व्यक्त की।
मुनि ने बताया मुम्बई के देवांग शाह लंदन में 24 डिग्रियां गोल्ड मेडल के साथ हासिल कर स्वदेश लौटे और जैन धर्म का प्रचार प्रसार किया। अमृत गुरुजी ने कहा यहां बच्चों को संस्कारों का सर्जन, संवर्धन और संरक्षण करना है। अन्त में सरस्वती मां की आरती हुई।